नवीन समाचार, ग्रेटर नोएडा, 1 मई 2023। अपराध मुक्त व शांत माना जाने वाला उत्तराखंड अपराधियों की शरणस्थली बनता जा रहा है। अपराध करके छुपना हो या अपराध से कमाई धन संपत्ति को ठिकाने लगाना हो, उत्तराखंड विभिन्न माध्यमों से बेतहाशा कमाई गई काली कमाई को ठिकाने लगाने का पसंदीदा गंतव्य, स्थान भी बनते जा रहे हैं। उत्तराखंड के पहाड़ों पर बाहर के लोगों की महंगी कोठियां, बंगले और बड़े-बड़े होटल इसकी गवाही करते हैं। लेकिन यह अलग बात है कि इन गवाहियों को सुनने वाला कोई नहीं है।
ताजा मामला ग्रेटर नोएडा के कुख्यात एक लाख के इनामी अपराधी मनोज आसे उर्फ मनोज इमलिया का है, जिसके बारे में खुलासा हुआ है कि उसने उत्तराखंड के देहरादून में एक आलीशान होटल बनाया है। वर्तमान में होटल का काम उसका भांजा देख रहा है। सूत्र बताते हैं कि अपराध की दुनिया से की गई काली कमाई से ही मनोज ने उत्तराखंड में यह होटल बनाया है। जानकारी मिलने पर पुलिस ने होटल के कागजात खंगालने शुरू कर दिए हैं।

गौरतलब है कि कुख्यात मनोज व उसके साथी जीतू सहित कुल चार बदमाशों को बीते शुक्रवार की रात पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान एच्छर व कासना क्षेत्र से पकड़ा था। पुलिस की गोली से मनोज आसे घायल हुआ है। वह पर हत्या, रंगदारी सहित कुल 19 आपराधिक मुकदमें दर्ज है।
पेशे से किसान
एक ओर मनोज अपराध की दुनिया में सक्रिय है। वहीं दूसरी ओर वह सरकार की नजरों में किसान बना हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि सरकारी कागजों में मनोज किसान है। उसने किसान क्रेडिट कार्ड से भी 5 लाख का लोन लिया है। लोन मनोज व उसके पिता के नाम संयुक्त रूप से है।
दिल्ली पुलिस के जवान भी मनोज के गैंग में
बताया जाता है कि मनोज के गैंग से दिल्ली पुलिस के कर्मी भी जुड़े हुए हैं जो संगठित अपराध को गौतमबुद्धनगर जनपद में बढ़ावा देते हैं। वर्ष 2019 में नोएडा एसटीएफ की टीम ने मनोज के लिए काम करने वाले दिल्ली क्राइम ब्रांच के सिपाही जगत सिंह को गिरफ्तार भी किया था। छह फरवरी 2008 को मनोज आसे ने रंगदारी न देने पर ट्रांसपोर्टर शहाबुद्दीन, इकबाल व चालक सुरेश की हत्या कर दी थी।
बुलेट प्रूफ गाड़ी का करता था इस्तेमाल
अपनी जान का खतरा मानकर मनोज आसे बुलेट प्रूफ गाड़ी का प्रयोग करता था। कुछ दिन पहले ही उसने बुलेट प्रूफ गाड़ी अपने किसी साथी को दी थी और थार का प्रयोग करना शुरू कर दिया था। जानकार बताते है कि मनोज पिछले 15 सालों से बुलेट प्रूफ गाड़ी का प्रयोग कर रहा था। उसकी हत्या के लिए सिंघराज गिरोह के रवि नाम के बदमाश ने हरियाणा के मांगरिया गैंग को दो लाख की सुपारी दी थी। मांगरिया गैंग के बदमाशों ने तीन बार मनोज आसे का पीछा किया, लेकिन हर बार मनोज उन पर भारी पड़ा।
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